भारत–अमेरिका व्यापार समझौता और बाजार की निगाहें: एक समीक्षात्मक विश्लेषण

🔷 भूमिका भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता इन दिनों वैश्विक स्तर पर चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है। जैसे-जैसे 9 जुलाई की समय-सीमा नज़दीक आ रही है, दोनों देशों की सरकारों के बीच बातचीत तेज़ हो गई है। इस समझौते से न केवल द्विपक्षीय व्यापार को नया आयाम मिलने की उम्मीद है, बल्कि भारतीय वित्तीय बाज़ारों की दिशा भी काफी हद तक इसी पर निर्भर करती दिख रही है। --- 🔷 क्यों है यह व्यापार समझौता अहम? भारत और अमेरिका, दोनों ही विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में गिने जाते हैं। ऐसे में अगर दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध और अधिक सहज होते हैं, तो इससे निवेश, निर्यात और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। विशेष रूप से, इस समझौते में निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान दिया जा रहा है: टैरिफ में छूट टेक्नोलॉजी ट्रांसफर ई-कॉमर्स और डिजिटल व्यापार फार्मा और कृषि उत्पादों का आदान-प्रदान सेवाओं का मुक्त व्यापा --- 🔷 भारतीय रुपये और शेयर बाज़ार की स्थिति रुपया इन दिनों एक सीमित दायरे में व्यापार कर रहा है — ₹85.39 प्रति डॉलर के आसपास। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर व्यापार समझौता तय...